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17 जून 2024
Important 17 June 2024 Rojgar News | Today Rojgar News ब्लॉक हॉर्टिकल्चर ऑफिसर भर्ती परीक्षा के लिए मुख्य विषय पर करें फोकस, बागवानी क्षेत्र में नौकरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे युवाओं के लिए अच्छा मौका है। दरअसल, बिहार सरकार ने ब्लॉक हॉर्टिकल्चर ऑफिसर पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 22 एवं 23 जून 2024 को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित की जाएगी।
कठिन पाठ्यक्रम और कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण यह परीक्षा बिहार की कठिन परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा उन अभ्यर्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जो इसमें पहली बार आवेदन कर रहे हैं। इस परीक्षा में सफल होने के लिए सिर्फ गंभीर एवं विस्तृत अध्ययन ही जरूरी नहीं है, अपितु यह समझना भी महत्त्वपूर्ण है कि परीक्षा के उन दो घंटों में आप क्या करते हैं और कैसे करते हैं? परीक्षा की बेहतर रणनीति और पुख्ता समय प्रबंधन से साक्षात्कार के द्वार तक पहुंचा जा सकता है।
चयन प्रक्रिया
● लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
परीक्षा का प्रारूप
● लिखित परीक्षा तीन विषयों की होगी और सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे।
● सामान्य हिंदी का एक प्रश्न-पत्र 100 अंक, सामान्य ज्ञान का एक प्रश्न-पत्र 100 अंक, उद्यान/ कृषि विज्ञान के दो प्रश्न-पत्र 200-200 अंकों के होंगे।
● सभी प्रश्न-पत्रों के लिए परीक्षा की अवधि दो-दो घंटा निर्धारित की गई है।
● परीक्षा में सामान्य श्रेणी के लिए 40, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 34, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5, एससी/ एसटी वर्ग, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए 32 अंक लाना अनिवार्य है।
● प्रतियोगी परीक्षा में हिंदी विषय में न्यूनतम 30 अंक लाना अनिवार्य है।
● हिंदी विषय क्वालीफाइंग है, मेरिट सूची बनाने में इसके अंक नहीं जोड़े जाएंगे।
● सामान्य ज्ञान एवं उद्यान/ कृषि विज्ञान में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी।
● उच्च मेरिट प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।
इन पुस्तकों का अध्ययन करें
● सामान्य हिंदी एवं संक्षिप्त व्याकरण, लेखक डॉ. बृज किशोर प्रसाद सिंह
● आधुनिक हिंदी व्याकरण और रचना, लेखक डॉ. वासुदेवनंदन प्रसाद
● सामान्य ज्ञान 2024, लेखक मनोहर पांडे (अरिहंत प्रकाशन)
● गार्डेनिंग इन इंडिया, लेखक टीके बोस एवं डी. मुखर्जी
● ए टेक्स्ट बुक ऑफ एग्रोनॉमी, लेखक बी. चंद्रशेखरन
● सजावटी बागवानी, लेखक एस. प्रसाद
इन बातों का भी ध्यान रखें
● आंसर शीट मिलने के बाद उसमें दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। नियत स्थान पर अपना अनुक्रमांक, हस्ताक्षर तथा अन्य सूचनाएं अंकित करें।
● प्रश्न-पत्र मिलने पर प्रश्नों को हल करने से पहले उसके महत्त्वपूर्ण निर्देशों को पढ़ें। संभव है कि उन निर्देशों में कोई महत्त्वपूर्ण और नई सूचना मिल जाए।
● संपूर्ण प्रश्न-पत्र को एक बार सरसरी निगाह से देखने के बाद पुन समय व्यवस्थित करें, जिससे प्रश्न-पत्र पूरा करने में समय कम न पड़े।
● प्रश्नों को जल्दी में न पढ़ें बल्कि शांति और धैर्य के साथ प्रश्न को दो-तीन बार पढ़ें और सुनिश्चित करें कि वास्तव में क्या पूछा जा रहा है।
● अपने उत्तर की समीक्षा करने और त्रुटियों को ठीक करने के लिए बाद में कुछ समय बचाकर रखें।
परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम का ज्ञान हो
बिहार लोक सेवा आयोग में पद के अनुसार परीक्षा पैटर्न और सिलेबस अलग-अलग होता है, इसलिए परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझकर तैयारी शुरू करें। यह आपको विषयों को समझने में मदद करता है। कृषि विषय में भारत में होने वाले अनाज, कृषि के तरीके और उत्पादन आदि को सही से समझना जरूरी है। अन्य विषयों को उनके महत्व के अनुसार व्यवस्थित कर पढ़ाई करें।
नियमित रिवीजन करें
कई उम्मीदवार सालभर तैयारी में उलझे रहते हैं, लेकिन परीक्षा के अंतिम लम्हों में रिवीजन करने का समय नहीं बचता है। सफल होने के लिए कई सारी जानकारियां लंबे समय तक याद रखनी होती हैं लेकिन रिवीजन के अभाव में परीक्षा के दौरान कई बातें दिमाग से निकल जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि जिन विषयों और घटनाओं को आपने पढ़ा है, उसका नियमित रिवीजन अवश्य करें। जो विषय बिंदु आपसे छूट गए हैं, उन्हें कम वक्त में समेटने की कोशिश न करें।
नोट्स बनाकर पढ़ें
विषयों को अच्छी तरह से समझने और याद रखने के लिए नोट्स बनाएं। नोट्स बनाना भी खुद में एक कला है। जिसको नोट्स अच्छे से बनानी आती है, समझिए उसने परीक्षा पास करने की तरफ एक कदम बढ़ा दिया है, क्योंकि यह अंतिम समय में रिवीजन में उपयोगी होता है। नोट्स बनाने के लिए मेहनत के साथ एक बेहतर रणनीति बनाने की भी जरूरत होती है। नोट्स बनाने से आपके समय की भी बचत होती है।
समसामयिक मुद्दों पर नजर रखें
समसामयिक मुद्दों और घटनाओं पर लगातार पैनी नजर रखना जरूरी है, क्योंकि कुछ प्रश्न हाल की घटना और विषयों से पूछे जा सकते हैं। इसके लिए नियमित रूप से हिंदी और अंग्रेजी के समाचार-पत्रों को पढ़ना चाहिए। आप नियमित समाचार बुलेटिन भी देख सकते हैं। पिछले साल के प्रारंभिक प्रश्न-पत्रों में भी समसामयिक मुद्दों से संबंधित प्रश्नों का अच्छा अनुपात रहा है, इसलिए ये जरूरी है कि समसामयिक मुद्दों की तैयारी करते रहना चाहिए।
मॉक टेस्ट का सहारा लें
मॉक टेस्ट भी परीक्षा में सफलता दिलाने में मददगार साबित होते हैं। कई अभ्यर्थी मॉक टेस्ट हल करने के लिए पाठ्यक्रम पूरा करने का इंतजार करते हैं, लेकिन ऐसा करना उचित नहीं होता। जितना पाठ्यक्रम कवर हो गया हो, परीक्षार्थी को नियमित अंतराल पर उसका मॉक टेस्ट करते रहना चाहिए। यह रिवीजन का सबसे उपयुक्त माध्यम है। मॉक टेस्ट से स्पीड और एक्योरिसी बढ़ने के साथ ही अपनी तैयारी का भी पता चलता है।
एकाग्रता बनाए रखें
परीक्षा में सफल होने के लिए जरूरी है कि आप लक्ष्य के प्रति पूर्ण रूप से एकाग्र रहें। पढ़ाई के दौरान यदि आपका ध्यान भटका तो पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है। इसके लिए अनिवार्य है कि लगातार सकारात्मक बने रहें। किसी के साथ व्यर्थ के वाद-विवाद में न उलझें, क्योंकि इससे बेवजह का मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। जहां तक संभव हो परीक्षा से कुछ दिन पहले लंबी यात्रा करने से भी बचें। यह मानसिक रूप से थकाऊ साबित हो सकता है।
आत्मविश्वास जरूरी
अनेक उम्मीदवार कई महीनों की जी-तोड़ मेहनत और अध्ययन के बावजूद परीक्षा भवन में अपेक्षित आत्मविश्वास से नहीं जा पाते हैं। कई तरह की आशंकाएं, बेहतर रणनीति और समय प्रबंधन का अभाव तथा परीक्षा में असफल होने का अनजाना डर उन पर हावी रहता है। इसके चलते परीक्षा में अपना सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने से चूक जाते हैं। यदि कोई परीक्षार्थी इस तरह की किसी समस्या से जूझ रहा है तो उसको किसी विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। इससे उसे फायदा मिलेगा।
पाठ्यक्रम
सामान्य हिंदी वर्णमाला और विराम चिह्न, वाक्य रचना, संधि और संधि-विच्छेद, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, कारक, समास (मिश्रित शब्द), विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, विराम चिह्न और मार्ग रचनाएं, मुहावरे और लोकोक्तियां, हिंदी भाषा का इतिहास, विशेषण के रूप, योगवाची, द्वंद्व, बहुव्रीहि, समास, समानार्थक शब्द, कविता रचनाएं, गद्यांश (गद्य), कृषि, वाणिज्य और उद्योग से संबंधित शब्दावली।
सामान्य ज्ञान इतिहास, बिहार-विशिष्ट इतिहास, भूगोल, बिहार का भूगोल, भारतीय संविधान, बिहार की राजनीतिक व्यवस्था, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम, पुस्तकें एवं लेखक, खेल समाचार व महत्वपूर्ण दिन, भारतीय अर्थव्यवस्था, जनगणना और जनसांख्यिकी, सामाजिक एवं सांस्कृतिक मुद्दे, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठन, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, अंतरिक्ष एवं रक्षा कार्यक्रम, जीव विज्ञान, वैज्ञानिक आविष्कार और खोजें, जलवायु परिवर्तन, कला-संस्कृति।
कृषि विज्ञान कृषि विज्ञान का अर्थ और दायरा, राष्ट्रीय और अंतरष्ट्रीय कृषि अनुसंधान, भारत के संस्थान, भारत और बिहार के कृषि-जलवायु क्षेत्र, मौसम और जलवायु, सूक्ष्म जलवायु, पृथ्वी की सतह, चट्टानों और खनिजों की संरचना, मिट्टी के प्रकार, मिट्टी में पानी की गति, पौधे का पालन- पोषण, पादप प्रजनन का भारतीय इतिहास, भारत में पादप प्रजनन के प्रमुख उद्देश्य और उपलब्धियां, फसलों के परागण की प्रकृति, कीड़े, कीटों का आर्थिक महत्व आदि।
बागवानी विज्ञान बागवानी की परिभाषा और महत्व, बागवानी का वर्गीकरण, पुष्प फसलों का क्षेत्र और उत्पादन, फलों की परिभाषा और महत्व, जलवायु क्षेत्रों के आधार पर फल और फसलों का वर्गीकरण, फल पौधों के प्रसार के तरीके, सब्जियों की परिभाषा एवं महत्व, बिहार एवं भारत में सब्जी उत्पादन की स्थिति एवं दायरा, सब्जियों के प्रकार, बागवानी, सब्जियों का वर्गीकरण, नर्सरी प्रबंधन, फूलों की परिभाषा और महत्व, गुलाब, रजनीगंधा, ग्लेडियोलस आदि पुष्प फसलों की उत्पादन तकनीक के बारे में अच्छी तरह पढ़ें।
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